नैनीताल हाईकोर्ट ने कॉर्बेट नेशनल पार्क में नेचर गाइड के अंतिम पंजीकरण पर रोक लगाते हुए वन सचिव, निदेशक व उप निदेशक सिटीआर को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। रामनगर निवासी अनूप मिश्रा, मनोज सती व अन्य ने हाईकेर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि कॉर्बेट पार्क ने फरवरी में 45 नेचर गाइडों के प्रशिक्षण के लिए विज्ञापन जारी किया था। जिसमें कहा था कि राज्यस्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त को वरीयता दी जाएगी।
मैरिट के आधार पर चयन किया जाएगा। याचिका में कहा कि 20 अक्तूबर को दूसरा विज्ञापन जारी कर कहा कि इसके लिए 28 अक्तूबर को लिखित परीक्षा होगी। इसमें प्रशिक्षण प्राप्त के साथ ही अन्य प्रतिभागियों ने आवेदन कर दिया।
याचिका में कहा कि परीक्षा की अंकतालिका जारी किए बगैर 68 गाइड की चयन सूची जारी कर दी गई। याचिकाकर्ता का कहना था कि उनका राज्यस्तरीय प्रशिक्षण प्रमाणपत्र, आईटीआई से टूरिज्म गाइड कोर्स प्रमाणपत्र होने के बाद भी चयन नहीं किया गया।
जो चयनित हुए हैं वह वन कर्मचारियों के बच्चे व जिप्सी चालक भी हैं। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने नेचर गाइड के अंतिम पंजीकरण पर रोक लगा दी।
सार
वन सचिव समेत अन्य से तीन हफ्ते में मांगा जवाब
विस्तार
नैनीताल हाईकोर्ट ने कॉर्बेट नेशनल पार्क में नेचर गाइड के अंतिम पंजीकरण पर रोक लगाते हुए वन सचिव, निदेशक व उप निदेशक सिटीआर को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
न्यायमूर्ति मनोज तिवारी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। रामनगर निवासी अनूप मिश्रा, मनोज सती व अन्य ने हाईकेर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि कॉर्बेट पार्क ने फरवरी में 45 नेचर गाइडों के प्रशिक्षण के लिए विज्ञापन जारी किया था। जिसमें कहा था कि राज्यस्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त को वरीयता दी जाएगी।
मैरिट के आधार पर चयन किया जाएगा। याचिका में कहा कि 20 अक्तूबर को दूसरा विज्ञापन जारी कर कहा कि इसके लिए 28 अक्तूबर को लिखित परीक्षा होगी। इसमें प्रशिक्षण प्राप्त के साथ ही अन्य प्रतिभागियों ने आवेदन कर दिया।
याचिका में कहा कि परीक्षा की अंकतालिका जारी किए बगैर 68 गाइड की चयन सूची जारी कर दी गई। याचिकाकर्ता का कहना था कि उनका राज्यस्तरीय प्रशिक्षण प्रमाणपत्र, आईटीआई से टूरिज्म गाइड कोर्स प्रमाणपत्र होने के बाद भी चयन नहीं किया गया।
जो चयनित हुए हैं वह वन कर्मचारियों के बच्चे व जिप्सी चालक भी हैं। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने नेचर गाइड के अंतिम पंजीकरण पर रोक लगा दी।