ऋषिकेश में जुटे देशभर के बुद्धिजीवी और साधु-संत, बोले-आध्यात्म से ही ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ को मिलेगी असली पहचान

महर्षि अरविंद फाउंडेशन के सेमिनार में पहुंचे बुद्धिजीवियों और साधु-संतों ने कहा कि आध्यत्म के मार्ग पर चलकर ही न सिर्फ मानवता का कल्याण किया जा सकता है बल्कि जातिवाद, धर्म, हिंसा, भेदभाव जैसे ज्वलंत मुद्दों पर शर्तिया अंकुश लगाया जा सकता है. जब इन सब पर विराम लगेगा, तभी वसुधैव कुटुम्बकम (Vasudhaiva Kutumbakam) के तौर पर पूरी दुनिया को एक नई दिशा मिलेगी.

कोरोना नियमों का पालन करते हुए ध्वजारोहण.
जीवन जीने की कला है आध्यात्मआध्यात्म को लेकर बुद्धिजीवियों के साथ साधु-संतों ने खूब मंथन किया. इसके बाद निर्णायक मंडल के प्रमुख महामण्डलेश्वर अभिषेक चैतन्यगिरि महाराज ने कहा कि जीवन का प्रत्येक क्षेत्र आध्यात्म से परिपूर्ण है. इसे यूं भी कह सकते है कि आध्यात्म जीवन जीने की कला है. साथ ही कहा कि आत्म अनुसंधान का नाम ही आध्यात्म है. स्व-स्वरूप, आत्म मंथन और आत्म उत्कर्ष भी आध्यात्म है.
मानव कल्याण में विज्ञान की अहम भूमिका
महर्षि अरविंद फाउंडेशन के सेमिनार में विज्ञान पर चर्चा हुई. विज्ञान क्या है और उसका उपयोग जीवन में कितना सार्थक है, इस पर बुद्धिजीवियों ने अपनी बेबाक राय रखी. इस दौरान मंथन के बाद निकलकर सामने आया कि विज्ञान संसार, समाज और राष्ट्र के लिए मंगलमय होने और कल्याण पथ का साधन है. जबकि निर्णायक मंडल ने एक स्वर में कहा कि विज्ञान ने मावन जीवन को गौरवांवित किया है, लेकिन इसके पीछे आध्यात्म का भी बड़ा योगदान है.

आध्यात्म को लेकर बुद्धिजीवियों के साथ साधु-संतों ने किया मंथन.
विश्व शांति आने का सही और मारक तरीका है वैदिक पद्धति
इस सेमिनार के दौरान श्विव शांति को लेकर बुद्धिजीवियों के साथ साधु-संतों ने अपने अपने विचार रखे. अंतत: जो निर्णायक विचार निकला, ‘ वैदिक पद्धति ही आज की समस्याओं का समाधान है. आज इसे अधिक से अधिक प्रयोग में लाने की जरूरत है, क्योंकि वैदिक संस्कृति ही मानव जीवन की संस्कृति है. यह किसी जाति, पंथ, मजहब, स्त्री और पुरूष में भेद नहीं करती है. यकीनन यह विश्व के सभी जनचेतन का एक समान रूप से आलिंगन करती है. इसी वैदिक पद्धति के दम पर समाज, राष्ट्र और पूरी दुनिया में शांति स्थापित की जा सकती है.’
बहरहाल, महर्षि अरविंद फाउंडेशन अगले साल अक्टूबर में श्रीलंका में मानवता, विकास और विश्व शांति पर एक सेमिनार करने जा रहा है, जिसमें दुनियाभर के 100 से अधिक देश शामिल होकर मानव के उत्थान और विश्व के कल्याण के लिए मंथन करेंगे. इस बाबत संस्था के गुरु महर्षि गज अरविंद ने कहा कि हमारा प्रयास विश्व में शांति लाने और मानव जीवन को बेहतर बनाने का है. आपको बता दें कि इस संस्था के देश और विदेश में काफी संख्या में फॉलोअर हैं.
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